सांसे

....सांसो से जरुरी ना कुछ भी यह है वक्त ने फिर 
से कहा है़ ..
ये इंसान की जात है साहब
 सब कुछ बहुत जल्दी भूल जाती है...
हमारी कृतध्नता ही शायद 
आज हमे यहा ले आयी है
 कि हर कोई 
किसी अपने के शोक से पीड़ित है। 

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